Government scheme for Agricultural Equipment subsidy (2024)
Government will provide modern agricultural equipment to Farmers :
What is Government scheme for Agricultural Equipment subsidy?
कृषि विज्ञान केंद्र में कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित, किसानों को होगा फायदा:
Modern Agricultural equipments(आधुनिक कृषि यंत्रों )के इस्तेमाल से खेती-किसानी आसान हो जाती है। लेकिन कृषि यंत्रों की कीमत अधिक होने के कारण हर किसान इन्हें खरीद नहीं पाता है। हालांकि सरकार किसानों को कृषि यंत्रों की खरीद पर सब्सिडी मुहैया कराती है।
इसके बाद भी कई किसान आर्थिक रूप से इतने कमजोर होते हैं कि सरकारी सब्सिडी का लाभ लेने के बाद भी वे इन कृषि यंत्रों को खरीद नहीं पाते हैं। ऐसे किसानों की मदद के लिए उन्हें सस्ते दर पर कृषि यंत्र मुहैया कराने की पहल की जा रही है। इस scheme for Agricultural Equipment subsidy (2024)योजना के तहत किसान अपनी जरूरत के हिसाब से कृषि यंत्रों का इस्तेमाल कर सकते हैं। खास बात यह है कि इस योजना के तहत किसानों को 50 रुपये से लेकर 300 रुपये तक के शुल्क पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
किसान कम कीमत पर कहां से खरीद सकते हैं कृषि उपकरण:
कृषि विज्ञान केंद्र कोडरमा के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को खेती से संबंधित सभी प्रकार के मार्गदर्शन निःशुल्क प्रदान किए जाते हैं। अब विज्ञान केंद्र में कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना की गई है। किसान यहां से खेती में उपयोग होने वाले सभी प्रकार के कृषि यंत्र जैसे रोटावेटर, कल्टीवेटर, रीपर, पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन, थ्रेशर, मल्टीक्रॉप थ्रेशर आदि किराये पर ले सकते हैं। ये मशीनें किसानों को बहुत ही सस्ते किराये पर उपलब्ध कराई जा रही हैं।
किन किसानों को मिलेगा scheme for Agricultural Equipment subsidyयोजना का लाभ:
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कृषि विज्ञान केंद्र कोडरमा में स्थापित कस्टम हायरिंग सेंटर भारत सरकार की एक योजना है। इसमें आर्थिक रूप से कमजोर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के किसानों को सहायता प्रदान की जाती है।
खेती को आसान बनाने के लिए बाजार में कई आधुनिक कृषि उपकरण उपलब्ध हैं, लेकिन महंगे होने के कारण सभी किसान इन्हें खरीद नहीं पाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के किसानों को खेती में उपयोग होने वाले कृषि उपकरण किफायती किराये पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
किसानों को मिलेगा कृषि यंत्र चलाने का निशुल्क प्रशिक्षण:
ऐसे किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों द्वारा मशीनरी चलाने का निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मशीनरी किराए पर लेने से पहले किसान को यह अच्छी तरह से जान लेना चाहिए कि अगर किसी भी स्थिति में किसान के पास मशीनरी खराब हो जाती है तो किसान को उसे ठीक करवाकर तय समय के अंदर कृषि विज्ञान केंद्र के कस्टम हायरिंग सेंटर को वापस करना होगा। अगर किसान से मशीनरी चोरी हो जाती है तो किसान को मशीनरी की कीमत चुकानी होगी।
कृषि उपकरणों के लिए किसानों को कितनी कीमत चुकानी होगी?:
कृषि विज्ञान केंद्र कोडरमा द्वारा किसानों को खेती में उपयोग होने वाले सभी प्रकार के कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इन कृषि यंत्रों में सब्जी से लेकर धान की खेती तक के कृषि यंत्र शामिल हैं। कस्टम हायरिंग सेंटर के माध्यम से किसान अपनी आवश्यकता के अनुसार विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्र किराए पर ले सकते हैं। किसानों को अधिकतम 3 दिनों के लिए कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जाएंगे। अलग-अलग कृषि यंत्रों का किराया दर अलग-अलग है, जो न्यूनतम 50 रुपये से लेकर 300 रुपये तक निर्धारित है।
कस्टम हायरिंग स्कीम क्या है?:
छोटे और आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को खेती के लिए आधुनिक कृषि उपकरण मिल सकें, इसके लिए सरकार की ओर से गांव-गांव में कस्टम हायरिंग सेंटर खोले गए हैं. कस्टम हायरिंग सेंटर से किसानों को कम किराए पर कृषि उपकरण दिए जाते हैं.
ऐसे में किसान अपनी जरूरत के हिसाब से यहां से कृषि उपकरण किराए पर लेकर अपने खेती के काम को आसान बना सकते हैं. कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए सरकार की ओर से 80 फीसदी की सब्सिडी दी जाती है.
कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने की लागत 10 लाख रुपये तय की गई है, जिसमें सरकार की ओर से 8 लाख रुपये की सब्सिडी दी जाती है. वहीं अगर किसान सब्सिडी पर कृषि उपकरण खरीदना चाहते हैं तो उन्हें कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत 40-50 फीसदी की सब्सिडी दी जाती है.
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